तेरे शेर, तेरी दीवानगी का पता देते हैं
कैसे कह दे कोई की तुम उससे अच्छे नही लगते
करता नही जो क़द्र ऐसी पाक मोहब्बत की
ऐसे दिल तोड़ने वाले मुझे अच्छे नही लगते
होठो की बात ये आँसू कहते है,
चुप रहते है फिर भी बहते है,
इन आँसुओ की किस्मत तो देखिए
ये उनके लिए बहते है जो दिल मे रहते है
दर्द -ए- इंतेहा देखो हम तन्हा ‘अर्ज़’ कहते हैं
हसी को हाल ना समझो दिखावा-मर्ज़ सहते हैं
तमन्ना दिल की, मर जाए “क्या है हर्ज़” कहते हैं
इश्क़ में हम, वफ़ा चाहें लोग ख़ुदग़र्ज़ कहते हैं
अक़्स खुश्बू हूँ, बिखरने से ना रोके कोई
और बिखर जाओं तो मुझको ना समेटे कोई काँप उठती हूँ
में ये सोच के तन्हाई में मेरे चेहरे पे तेरा नाम ना पढ़ ले कोई
दिल्लगी में दिल को हम कैसा रोग लगा बैठे
ज़िंदगी को छोड़ क्यों मौत को गले लगा बैठे
हुमने समझा था दिल लगाकर दिल को चैन मिलेगा
ऐसी लगी चोट के दिल को बेदर्द से दर्द लगा बैठे!
मोहब्बत के भी कुछ राज़ होते है,
जगती आँखों मे भी खाव्ब होते है.
ज़रूरी नही है गम मे ही आँसू आए.
मुस्कुराती आँखो मे भी सैलाब होते है.
मत कर मेरे दोस्त हसीनो से मोहब्बत
वो आँखो से वार करती हैं
मैने इन्ही आँखो से देखा है
की वो कितनो से प्यार करती हैं
खुदा ने लिखा ही नही उसको मेरी किस्मत मे
शायद वरना खोया तो बहुत कुछ था मेने उससे पाने के लिए..!!!
खाए है लाखो धोखे, एक धोखा और से लेंगे.
तू लेजा अपनी डोली को,
हम अपनी अर्थी को बारात कह लेंगे..
खिले गुलाब का मुरझाना बुरा लगता है ,
मोहब्बत का यूँ मर जाना बुरा लगता है
फ़ासले मिटाना अच्छी बात है ,
पर किसी और का उनके नज़दीक जाना बुरा लगता है.